CAA और NRC को लेकर Muslim Nations का समूह OIC ने यह क्या कर दिया!
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को कहा: भारत का नया नागरिक कानून मुसलमान विरोधी है और इस पर OIC को प्रभावी आवाज उठानी चाहिए
OIC क्या है:
OIC इस्लामिक देशों का एक संगठन है इसमें सऊदी अरब का दबदबा है
पाकिस्तान के एक मुल्तान में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महमूद कुरैशी ने कहा OIC कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन और नागरिकता संशोधन कानून का प्रभावी तरीके से विरोध करें!
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि वह इस मामले को लेकर अन्य इस्लामिक देशों से बातचीत की है और OIC के सदस्य देशों को बैठक का प्रस्ताव दिया है, महमूद कुरैशी ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है
Radio pakistan ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में बताया है कि OIC ने भारत प्रशासित कश्मीर में मानव अधिकारों के उल्लंघन और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक बैठक करने का फैसला लिया है, कहां जा रहा है कि इस तरह की बैठक अगले साल अप्रैल में इस्लामाबाद में होगी" इसके बाद ही सऊदी अरब के विदेश मंत्री पाकिस्तान दौरे पर आए pakistan कोलालमपुर सम्मिट में नहीं जाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा: कि वह इस्लामिक दुनिया में एक सेतु बनाना चाहता है ना कि टकराव बनाने की मंशा रखता है
हाल ही में बाबरी मस्जिद और नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर को लेकर OIC ने एक बयान जारी किया था
इस बयान में OIC ने कहा था:
India के हालिया घटनाक्रम को हम करीब से देख रहे हैं कई चीजें ऐसी हुई है जिससे अल्पसंख्याक प्रभावित हुए हैं नागरिकता के अधिकार और बाबरी मस्जिद को लेकर हमारी चिंताएं हैं, हम फिर से इस बात को दोहराते हैं कि भारत के मुसलमानों और उनके पवित्र स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
OIC ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और दायित्व के अनुसार बिना किसी भेदभाव के अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिलनी चाहिए "OIC ने कहा कि इन सिद्धांतों और दायित्वों की उपेक्षा हुई तो पूरे इलाके की गंभीरता सुरक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ेगा
Pakistan के प्रधानमंत्री इमरान खान भी कश्मीर मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं शनिवार को
इमरान खान ने कहा था:
अमेरिका में अभी India की लॉबी पाकिस्तान की तुलना में मजबूत है india के मजबूत लॉबी के कारण ही pakistan का पक्ष हमेशा दब जाता है और इसका नतीजा यह होता है कि अमेरिकी नीतियों में india भारी पड़ जाता है
जम्मू कश्मीर में भारत ने जब विशेष दर्जा खत्म किया था OIC लगभग खामोश था,OIC मैं सऊदी अरब और उसके अन्य देशों का दबदबा है सऊदी अरब में भी अनुच्छेद 370 हटाने में पाकिस्तान का साथ नहीं दिया था और संयुक्त राष्ट्र अमीरात ने इसे भारत का आंतरिक मामला कहा था
इसी साल मार्च में यूएई ने OIC के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को आमंत्रित किया था इसे लेकर pakistan ने कड़ी आपत्ति जताई थी इसके बाद भारत ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया तो OIC ने भारत की आलोचना नहीं की थी हालांकि मलेशिया ने और तुर्की ने इस मामले पर भारत की खुलकर निंदा की थी
Pakistan नीति निर्माताओं के बीच यह सोच है सऊदी अरब के नेतृत्व वाले OIC ने कश्मीर के मामले में बिल्कुल भी समर्थन नहीं दिया दूसरी तरफ ईरान ,तुर्की और मलेशिया OIC को सीधे चुनौती देना चाहते हैं कि वह इस्लामिक दुनिया के सेंटीमेंट को समझने और मंच देने में नाकाम रहा है
वहीं OIC के जरिए सऊदी अरब Muslim word और राज नायक प्रभाव कायम रखना चाहता है मगर मलेशिया ईरान और तुर्की की कोशिश सफल रही तो आने वाले महीने में OIC की प्रासंगिकता को गंभीर चुनौती मिलेगी
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