Economic slowdown की चिंता किसको?
भारत की Econominy इस वक्त सुस्ती की गिरफ्त में है अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े भी सही नहीं आ रहे हैं इंडस्ट्रियल output फरवरी 2013 के बाद सबसे कम हो गया है मैन्युफैक्चरिंग sector का भी हाल ठीक नहीं है ऑटो और टेक्सटाइल की हालत तो पिछले 1 साल से खराब है इन दोनों सेक्टर में लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी है
Econominy को दुरस्त करने का जिम्मा MODI सरकार के कंधों पर है साथ ही उन लोगों पर भी है जो जनता के चुनिंदा नुमाइंदे हैं जो संसद में चुनकर गए हैं आर्थिक सुस्ती आज देश के लिए नासूर बनती जा रही है
आज जब राज्यसभा में आर्थिक सुस्ती पर बहस हो रही थी तब राज्यसभा का पूरा सतन खाली दिख रहा था सिर्फ इक्का-दुक्का सांसद ही सदन में नजर आ रहे थे इससे यह साबित होता है कि देश की आर्थिक सुस्ती को लेकर हमारे सांसद कितने गंभीर लग रहे हैं
आर्थिक सुस्ती को लेकर congress के सांसद आनंद शर्मा ने कई गंभीर सवाल उठाए
1. मांग टूट रही है, बाजार टूट रहे हैं लोगों के पास पैसा नहीं है आम जरूरत की आवश्यक चीज खरीदने के लिए
2. गांव में स्थिति और भी गंभीर है देश का कृषि क्षेत्र गहरे संकट से गुजर रहा है और भारत का किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है
3. अमीर और गरीब के बीच में दूरियां और बढ़ती जा रही हैं और भी गंभीर सवाल आनंद शर्मा ने modi सरकार के सामने रखें
TMC ने भी अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर सरकार पर गंभीर हमला बोला TMC सांसद डेरेक ओबरॉय के मुताबिक
इस वक्त निवेशकों में Trust की कमी है इसी वजह से अर्थव्यवस्था में ना तो निवेश पड़ रहा है ना ही डिमांड बढ़ रही है
विपक्ष का जवाब दिया बीजेपी सांसद अश्वनी वैष्णव ने
अश्विनी वैष्णव के मुताबिक देश की आर्थिक सुस्ती साइक्लिक है ना कि स्ट्रक्चरल अश्वनी वैष्णव के मुताबिक मार्च तक भारत की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ लेगी
अर्थव्यवस्था की स्थिति इस वक्त बहुत ज्यादा ही गंभीर है पहले तिमाही में भारत की आर्थिक विकास की रफ्तार 5 फीसदी में आ गई है जो कि 6 साल में सबसे कम है दूसरी तिमाही के आंकड़े आने वाले हैं दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास का अनुमान ज्यादा उत्साहित करने वाला नहीं है माना जा रहा है कि दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास का अनुमान पहले तिमाही की अपेक्षा और कम हो सकता है
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